पदाधिकारियों और कार्यप्रणाली
संस्थापक / अध्यक्ष
(Founder / President)
रामसेना के अध्यक्ष की जिम्मेदारियाँ और कार्यप्रणाली:
1. संगठन का नेतृत्व
संगठन की नीतियों और उद्देश्यों को परिभाषित करना।
संगठन के सदस्यों को एकजुट रखना और उनके बीच सामंजस्य स्थापित करना।
किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय के लिए अंतिम निर्णय लेना।
2. रणनीति और योजना निर्माण
संगठन की दीर्घकालिक योजनाओं और रणनीतियों का निर्माण करना।
समाज की आवश्यकताओं और संगठन के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए कार्यों का निर्धारण करना।
3. सदस्यों के साथ संवाद
सभी सदस्यों के साथ नियमित संवाद स्थापित करना।
उनकी समस्याओं को समझना और उन्हें हल करना।
संगठन की गतिविधियों में सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
सार्वजनिक प्रतिनिधित्व, संगठन का प्रशासनिक प्रबंधन, समस्याओं का समाधान, नए सदस्य जोड़ना और प्रशिक्षण देना
श्री कैलाशनाथजी सिंघल (बाबूजी)


श्री V K
उपाध्यक्ष (Vice President)
रामसेना के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारियाँ और कार्यप्रणाली
1. अध्यक्ष का सहयोग
अध्यक्ष के सभी निर्णयों और योजनाओं में सक्रिय सहयोग देना।
आवश्यकता पड़ने पर अध्यक्ष के स्थान पर संगठन का नेतृत्व करना।
2. कार्यक्रमों का प्रबंधन
संगठन के द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की योजना, तैयारी और संचालन में योगदान देना।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न टीमों और सदस्यों के बीच तालमेल स्थापित करना।
3. सदस्यों का मार्गदर्शन
सदस्यों के साथ नियमित रूप से संवाद करना और उनकी समस्याओं का समाधान करना।
संगठन के उद्देश्यों के प्रति सदस्यों को प्रेरित करना।
4. विशेष कार्यभार
अध्यक्ष द्वारा सौंपे गए विशेष कार्यों को समय पर पूरा करना।
संगठन की योजनाओं को सही तरीके से लागू करना।
विवाद समाधान और समन्वय, प्रशासनिक कार्यों में सहयोग, प्रचार और प्रसार, युवाओं को जोड़ना, नेतृत्व विकास, आपातकालीन स्थिति में नेतृत्व.
उपाध्यक्ष संगठन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ होता है, जो अध्यक्ष और सदस्यों के बीच पुल का काम करता है। उनका मुख्य कार्य संगठन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में अध्यक्ष का समर्थन करना और संगठन को प्रभावी ढंग से चलाना है।
महासचिव (General Secretary)
रामसेना के सचिव (सचिव) की जिम्मेदारियाँ और कार्यप्रणाली
1. प्रशासनिक कार्यों का प्रबंधन
संगठन के सभी प्रशासनिक कार्यों का प्रबंधन और निगरानी करना।
महत्वपूर्ण दस्तावेजों, रिकॉर्ड्स और पत्राचार का उचित प्रबंधन करना।
2. बैठकों का आयोजन और संचालन
संगठन की बैठकें आयोजित करना और उनकी कार्यवाही का रिकॉर्ड रखना।
अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को बैठकों के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करना।
बैठक के निर्णयों और प्रस्तावों का संकलन करना।
3. सूचना का संचार
संगठन के सदस्यों और पदाधिकारियों के बीच सूचना का आदान-प्रदान सुनिश्चित करना।
संगठन के कार्यों और योजनाओं के बारे में सभी सदस्यों को अपडेट रखना।
4. आयोजन की तैयारी और प्रबंधन
संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों और आयोजनों की योजना बनाना और उन्हें व्यवस्थित करना।
आयोजन के लिए आवश्यक सामग्री और संसाधनों की व्यवस्था करना।
5. वित्तीय रिकॉर्ड का संधारण
संगठन के खर्च और आय का रिकॉर्ड तैयार करना (यदि आवश्यक हो)।
कोषाध्यक्ष के साथ मिलकर वित्तीय गतिविधियों का संकलन करना।
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का सहयोग, रिपोर्ट और दस्तावेज़ तैयार करना, संगठन की नीतियों का पालन सुनिश्चित करना, समस्याओं का समाधान
सदस्यों की समस्याओं को सुनना और उन्हें संबंधित पदाधिकारी तक पहुंचाना।
संगठन के भीतर संवाद और समन्वय को बढ़ावा देना।
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सहायक महासचिव (Assistant General Secretary)
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कोषाध्यक्ष (Treasurer)
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प्रचार सचिव (Publicity Secretary)
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सदस्य सचिव (Member Secretary)
महासचिव के साथ संगठन के प्रशासनिक कार्यों में सहायता करता है।
कार्यक्रमों और अभियानों में प्रबंधन सहायता प्रदान करता है।
संगठन के वित्तीय मामलों का प्रबंधन करता है।
बजट तैयार करना और वित्तीय रिकॉर्ड बनाए रखना।
संगठन के फंड का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करता है।
संगठन की प्रचार-प्रसार गतिविधियों का नेतृत्व करता है।
मीडिया से संपर्क, सोशल मीडिया प्रबंधन, और जागरूकता अभियान संचालित करता है।
संगठन के विचारों और कार्यक्रमों को समाज तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाता है।
संगठन के सभी सदस्यों का रिकॉर्ड बनाए रखता है।
नए सदस्यों की भर्ती और संगठन के सदस्यता कार्यक्रमों का संचालन करता है।
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अध्यक्ष- उत्तर प्रदेश
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अध्यक्ष- हिमाचल प्रदेश
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अध्यक्ष- गुजरात प्रदेश
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अध्यक्ष- मध्य प्रदेश
रामसेना के सभी राज्यों के अध्यक्ष की जिम्मेदारियाँ और कार्यप्रणाली
1. राज्य स्तर पर संगठन का नेतृत्व
राज्य में संगठन की सभी गतिविधियों का नेतृत्व और निगरानी करना।
राज्य के सदस्यों को संगठन के उद्देश्यों के प्रति प्रेरित करना और उन्हें दिशा-निर्देश प्रदान करना।
2. राज्य इकाइयों का प्रबंधन
राज्य के सभी जिलों और तहसीलों में संगठन की इकाइयों का गठन और प्रबंधन करना।
जिला और तहसील स्तर के अध्यक्षों के साथ नियमित संवाद करना।
3. संगठन का विस्तार
राज्य के हर क्षेत्र में संगठन का विस्तार करना।
नए सदस्यों को संगठन में जोड़ने के लिए विशेष प्रयास करना।
4. कार्यक्रमों और अभियानों का आयोजन
राज्य में सामाजिक, सांस्कृतिक और सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन करना।
संगठन के राष्ट्रीय अभियानों को राज्य स्तर पर लागू करना।
5. रिपोर्टिंग और संवाद
संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष को राज्य की प्रगति और गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करना।
नियमित रिपोर्टिंग सिस्टम तैयार करना और उसका पालन करना।
6. समस्याओं का समाधान और विवाद निपटान
राज्य में संगठन से जुड़े विवादों और समस्याओं का समाधान करना।
संगठन के सदस्यों के बीच आपसी समन्वय बनाए रखना।
7. राज्य की विशेष आवश्यकताओं पर ध्यान
राज्य की सामाजिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक आवश्यकताओं का आकलन करना।
संगठन की गतिविधियों को राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालना।
8. सदस्य और पदाधिकारियों का मार्गदर्शन
राज्य के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों का मार्गदर्शन करना।
उन्हें संगठन की नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में शिक्षित करना।
9. वित्तीय प्रबंधन
राज्य में संगठन की आर्थिक गतिविधियों का प्रबंधन करना।
संगठन के कार्यों के लिए धनराशि जुटाने और उसका पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित करना।
10. राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ समन्वय
केंद्रीय संगठन की नीतियों और योजनाओं को राज्य में लागू करना।
राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्य केंद्रीय पदाधिकारियों के साथ संवाद बनाए रखना।
11. राज्य के हितों का प्रतिनिधित्व
राज्य के मुद्दों और आवश्यकताओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करना।
राज्य के सदस्यों और जनता के हितों की रक्षा करना।
12. मीडिया और प्रचार-प्रसार
राज्य में संगठन की सकारात्मक छवि बनाने के लिए मीडिया का उपयोग करना।
संगठन की उपलब्धियों और उद्देश्यों को प्रचारित करना।
सभी राज्यों के अध्यक्ष का कार्य संगठन को राज्य स्तर पर मजबूत बनाना और राष्ट्रीय संगठन के उद्देश्यों को स्थानीय स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करना है। उनका नेतृत्व संगठन की सफलता और प्रभावशीलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण ह
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अध्यक्ष- झारखंड
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अध्यक्ष- दिल्ली
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अध्यक्ष- हरियाणा
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अध्यक्ष- हरियाणा
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अध्यक्ष- हरियाणा
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अध्यक्ष- हरियाणा
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अध्यक्ष- हरियाणा
People and culture
पदाधिकारियों और कार्यप्रणाली
श्री राम सेना के पदाधिकारियों की सूची संगठन की संरचना और उसकी कार्यप्रणाली को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। यहां एक सुझावित सूची दी गई है, जिसमें प्रमुख पदों के साथ-साथ उनके कार्यों का भी विवरण है:
1. संस्थापक / अध्यक्ष (Founder / President)
संगठन का सर्वोच्च पदाधिकारी।
संगठन की सभी गतिविधियों का नेतृत्व और समन्वयन करता है।
नीतियों और दिशा-निर्देशों का निर्धारण करता है।
2. उपाध्यक्ष (Vice President)
अध्यक्ष की अनुपस्थिति में संगठन का संचालन करता है।
विभिन्न विभागों और कार्यक्रमों के समन्वय का कार्य करता है।
संगठन की रणनीतिक योजनाओं में सहयोग करता है।
3. महासचिव (General Secretary)
संगठन के सभी दस्तावेजों और रिकॉर्डों को बनाए रखने का कार्य करता है।
सभी बैठकों का आयोजन और संचालन करता है।
संगठन के दैनिक कार्यों की देखरेख करता है।
4. सहायक महासचिव (Assistant General Secretary)
महासचिव के साथ संगठन के प्रशासनिक कार्यों में सहायता करता है।
कार्यक्रमों और अभियानों में प्रबंधन सहायता प्रदान करता है।
5. कोषाध्यक्ष (Treasurer)
संगठन के वित्तीय मामलों का प्रबंधन करता है।
बजट तैयार करना और वित्तीय रिकॉर्ड बनाए रखना।
संगठन के फंड का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करता है।
6. प्रचार सचिव (Publicity Secretary)
संगठन की प्रचार-प्रसार गतिविधियों का नेतृत्व करता है।
मीडिया से संपर्क, सोशल मीडिया प्रबंधन, और जागरूकता अभियान संचालित करता है।
संगठन के विचारों और कार्यक्रमों को समाज तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाता है।
7. कार्यक्रम संयोजक (Program Coordinator)
संगठन के सभी कार्यक्रमों और अभियानों का समन्वयन करता है।
आयोजन, योजनाएं और कार्यक्रमों का निष्पादन सुनिश्चित करता है।
अलग-अलग क्षेत्रों में आयोजित गतिविधियों की निगरानी करता है।
8. युवा अध्यक्ष (Youth President)
संगठन के युवा सदस्यों को संगठित करता है।
युवा कार्यक्रमों का नेतृत्व और समन्वयन करता है।
युवाओं को सामाजिक कार्यों में जोड़ने के लिए प्रेरित करता है।
9. महिला अध्यक्ष (Women's President)
संगठन में महिलाओं से संबंधित सभी कार्यक्रमों का नेतृत्व करती है।
महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के विकास के लिए विशेष योजनाओं का संचालन करती है।
10. सदस्य सचिव (Member Secretary)
संगठन के सभी सदस्यों का रिकॉर्ड बनाए रखता है।
नए सदस्यों की भर्ती और संगठन के सदस्यता कार्यक्रमों का संचालन करता है।
11. सलाहकार समिति (Advisory Committee)
अनुभवी और वरिष्ठ सदस्यों की समिति जो संगठन की योजनाओं और कार्यों में मार्गदर्शन प्रदान करती है।
रणनीतिक निर्णय लेने में सहयोग करती है और संगठन को दीर्घकालिक दृष्टिकोण प्रदान करती है।
12. क्षेत्रीय संयोजक (Regional Coordinator)
विभिन्न क्षेत्रों में संगठन के कार्यों का समन्वय करता है।
स्थानीय स्तर पर संगठन के कार्यक्रमों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है।
13. सामाजिक कल्याण अधिकारी (Social Welfare Officer)
समाज सेवा और कल्याणकारी कार्यक्रमों का संचालन करता है।
समाज के विभिन्न वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करता है।
14. वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor)
संगठन के वित्तीय प्रबंधन में मार्गदर्शन करता है।
संगठन की आर्थिक योजनाओं और फंडिंग की सलाह देता है।
15. कानूनी सलाहकार (Legal Advisor)
संगठन के कानूनी मामलों में सलाह और सहायता प्रदान करता है।
संगठन के द्वारा कानूनी दस्तावेजों और अनुबंधों की समीक्षा करता है।
ये पदाधिकारी संगठन की संरचना को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आप इन पदों को संगठन के उद्देश्यों और गतिविधियों के अनुसार अनुकूलित कर सकते हैं।
धन्यवाद...